क्रिकेट भारत में एक धर्म की तरह है, लेकिन 2000 में एक ऐसा कांड हुआ जिसने इस खेल की प्रतिष्ठा को गहरे धक्के दिए। यह था भारत का सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग स्कैंडल, जिसने भारतीय क्रिकेट को हिला कर रख दिया।
क्या हुआ था?
2000 में, भारतीय क्रिकेट टीम के कुछ प्रमुख खिलाड़ी, जैसे मोहमद अजहरुद्दीन, संदीप पाटिल और विदेशी क्रिकेटर्स का नाम मैच फिक्सिंग में शामिल हुआ था। यह मामला तब सामने आया जब सट्टेबाजों ने इन खिलाड़ियों से मैच के नतीजे को प्रभावित करने के लिए संपर्क किया।
सीबीआई जांच और परिणाम:
इस मामले की जांच भारतीय सीबीआई ने की, और पता चला कि कुछ खिलाड़ियों ने मैच के नतीजों को सट्टेबाजों के साथ मिलकर तय किया था। इस कांड के बाद अजहरुद्दीन को जीवनभर के लिए क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया, और कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी गंभीर दंड का सामना करना पड़ा।
क्यों था यह कांड इतना बड़ा?
यह कांड क्रिकेट की छवि के लिए एक बड़ा झटका था। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को गहरा धक्का लगा, क्योंकि यह खेल में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप थे। इस घटना के बाद क्रिकेट बोर्ड ने कड़े नियम और निगरानी की व्यवस्था शुरू की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
आखिरकार क्या हुआ?
इस कांड ने भारतीय क्रिकेट को मुश्किल दौर से गुजरने पर मजबूर किया, लेकिन समय के साथ क्रिकेट ने अपनी खोई हुई साख वापस पाई। आज भारतीय क्रिकेट दुनिया के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित खेलों में से एक है।