अलीगढ़ में अरबपति और करोड़पति कंपनियां बढ़ने से जीएसटी कलेक्शन भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है. बीते 5 साल में अलीगढ़ का जीएसटी कलेक्शन 747 करोड़ रुपए बढ़ गय़ा है. अरबपति कंपनियों के अलावा अलीगढ़ में 100 से 200 करोड़ वाली कंपनियां भी तेजी से पैर पसार रही है और जिले के राजस्व में अपना योगदान कर रही है

अलीगढ़ के सास-दामाद की चर्चा इन दिनों सुर्खियां बटोर रही हैं लेकिन अब जो आपको बताने जा रहे हैं वो पढ़कर आप भी कह उठेंगे वाह अलीगढ़ वाह. दरअसल अलीगढ़ कारोबार के लिहाज से भी टॉप पर है. अलीगढ़ में 29 अरबपति कंपनियां है. इन कंपनियों ने 14 हजार करोड़ का कारोबार किया है. अलीगढ़ के मीट कारोबारी हाजी जहीर हुरुन रिच लिस्ट 2024 में शामिल हो चुके हैं. इनकी नेटवर्थ करीब 2300 करोड़ रुपए बताई गई है.
तेजी से बढ़ रही अरबपति कंपिनयां
वहीं पेटीएम के विजय शेखर शर्मा भी अलीगढ़ से ही आते हैं. बीते 5 साल में पांच नई कंपनियां अरबपति बन कर उभरी हैं, जो तेजी से कारोबार में आगे बढ़ रही हैं. जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर गुलाब चंद के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में जिले में 24 अरबपति कंपनियां थीं, जिनका सालाना कारोबार 8935.31 करोड़ रुपये था. जो वित वर्ष 23-24 में अरबपति कंपनियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई व इनका सलाना कारोबार बढ़ कर 14043. 33 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.. जिले में अरबपतियों के बढ़ने के साथ ही बीते एक वर्ष में जीएसटी में 224 करोड़ और आयकर में 32 करोड़ रुपये (कुल 256 करोड़ ) की कर वसूली भी बढ़ी है.
करोड़पति कंपनियों की संख्या
अरबपति कंपनियों के अलावा अलीगढ़ में 100 से 200 करोड़ वाली कंपनियां भी तेजी से पैर पसार रही है और जिले के राजस्व में अपना योगदान कर रही है. इनमें अलहम्द एग्रो फूड अलीगढ़ , वेब डिस्टलरी, फ्रिजेरियो कन्जर्वा, लिंक लॉक्स, एलडी गोयल स्टील, मस्कट स्पीड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मलूक चंद्र कॉटन एंड ऑयल मिल्स, एमआई इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड, भोले बाबा मिल्क फूड प्रोडेक्ट, अल अमार फ्रोजन फूड शामिल है.
लगातार बढ़ रहा जीएसटी कलेक्शन
अलीगढ़ में अरबपति और करोड़पति कंपनियां बढ़ने से जीएसटी कलेक्शन भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है. बीते 5 साल में अलीगढ़ का जीएसटी कलेक्शन 747 करोड़ रुपए बढ़ गय़ा है.आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 19-20 में कर 1238.61 करोड़ रहा था. जबकि वित्त वर्ष 20-21 में जीएसटी कर 1167.01 करोड़ रुपए का था वहीं वित्त वर्ष 21-22 में कर के रुप में 1490.48 करोड़ की वसूली हुई थी. वित्त वर्ष 22-23 में कर 1760.69 करोड़ की थी जो वित्त वर्ष 23-24 में बढ़कर 1985.67 करोड़ रुपए पहुंच गई.