मुंबई हमलों को 16 साल बीत चुके हैं, लेकिन उन जख्मों की टीस अब भी भारत के दिल में बनी हुई है। इन्हीं हमलों की परतों को खोलने के लिए अब एक अहम नाम भारत की जांच एजेंसियों के सामने है – तहव्वुर हुसैन राणा।
राणा, पाकिस्तान में जन्मे एक पूर्व आर्मी डॉक्टर और बाद में कनाडा-अमेरिका में बसे एक बिजनेसमैन हैं। उन्होंने अपने करीबी दोस्त डेविड हेडली को कवर मुहैया कराया, जिससे वह बार-बार भारत आकर हमले की रेकी कर सका।
2011 में अमेरिकी अदालत ने उन्हें डेनमार्क स्थित एक अखबार पर हमला करवाने की साजिश में दोषी माना, लेकिन मुंबई हमलों में सीधे भूमिका साबित नहीं हो सकी। इसके बावजूद भारत ने ठोस सबूतों के आधार पर उनका प्रत्यर्पण मांगा, जिसे अमेरिका ने अब मंजूरी दी है।
अब जब राणा भारत में हैं, तो NIA उनसे पूछताछ के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि 26/11 हमलों की साजिश कैसे बुनी गई थी, किस-किस ने इसमें सहयोग दिया और क्या अब भी कोई ऐसा नेटवर्क सक्रिय है जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।