जयपुर, 9 मार्च 2025: राजस्थान में कोचिंग संस्थानों के बढ़ते दबाव के चलते छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजस्थान कोचिंग इंस्टिट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन अथॉरिटी के गठन को मंजूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य कोचिंग सेंटरों की निगरानी, छात्रों की काउंसलिंग और उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना है।
कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय
शनिवार (8 मार्च) को हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की। इस बिल को मौजूदा विधानसभा सत्र 2025 में पारित किए जाने की संभावना है। इसके तहत कोचिंग संस्थानों को संचालित करने के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा, और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान रखा गया है।
नए बिल के प्रमुख प्रावधान
- राजस्थान कोचिंग इंस्टिट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का गठन
इस अथॉरिटी का नेतृत्व शिक्षा विभाग के सचिव करेंगे।
सभी कोचिंग संस्थानों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
- पंजीकरण अनिवार्य होगा
50 से अधिक छात्रों वाले हर कोचिंग सेंटर को सरकारी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
बिना पंजीकरण कोचिंग संचालित करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष पहल
हर कोचिंग सेंटर में काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति अनिवार्य होगी।
छात्रों की मानसिक स्थिति को समझने और दबाव को कम करने के लिए राज्य स्तरीय हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।
अब तक 27,000 छात्रों की काउंसलिंग करवाई जा चुकी है।
- नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्ती
गाइडलाइंस का पालन न करने वाले संस्थानों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
छात्रों की आत्महत्या के मामलों पर सरकार का रुख
राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक 7 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात और असम के छात्र शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इस नए कानून से छात्रों पर पढ़ाई का मानसिक दबाव कम होगा और आत्महत्या की घटनाओं में कमी आएगी।
बजट सत्र में विपक्ष के सवाल और सरकार का जवाब
राज्य विधानसभा के बजट सत्र 2025 के दौरान विपक्ष ने कोचिंग संस्थानों की स्थिति पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने पूछा कि जब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत कोचिंग सेंटरों में काउंसलर अनिवार्य किए गए हैं, तो अब तक कितने संस्थानों ने इसका पालन किया है?
इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया कि राज्य सरकार जल्द ही नया कानून लागू करने जा रही है जिससे काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति को अनिवार्य किया जाएगा।
राजस्थान सरकार की पहल: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
राजस्थान सरकार की यह पहल कोटा और अन्य शहरों में कोचिंग छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। सरकार का मानना है कि यह कानून छात्रों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की यह नई नीति कोचिंग संस्थानों में अनुशासन और पारदर्शिता लाने का प्रयास है। राज्य स्तरीय हेल्पलाइन, काउंसलिंग सुविधाएं और कड़ी निगरानी से छात्रों को तनावमुक्त वातावरण मिलेगा। उम्मीद है कि यह कानून लागू होने के बाद छात्रों की आत्महत्या के मामलों में कमी आएगी और शिक्षा का माहौल और सुरक्षित बनेगा।