भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियां बढ़ीं, सेना प्रमुख ने दी कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली, 9 मार्च 2025: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में भारत की सुरक्षा और पड़ोसी देशों के खतरों को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन और सीमा पार आतंकवाद से भारत को लगातार सतर्क रहने की जरूरत है।सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां जारी, सेना पूरी तरह तैयारजनरल द्विवेदी ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान द्वारा जारी आतंकवादी गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने 2018 से अब तक आतंकवाद को 83% तक कम करने में सफलता पाई है, लेकिन यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।2024 में 45 आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया, जिनमें 60% से अधिक पाकिस्तान से आए थे।अमरनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 5 लाख तीर्थयात्री पहुंचे, जो यह दर्शाता है कि क्षेत्र में शांति बहाल हो रही है।”पाकिस्तान खुद अपने ही आतंकवाद का शिकार हो रहा”सेना प्रमुख ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान अपने ही बनाए आतंकवाद के दलदल में फंस चुका है। उन्होंने कहा,”अगर पाकिस्तान स्थिर रहना चाहता है, तो उसे आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा।”चीन के साथ तनाव और भारत की रणनीतिपूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हालात में सुधार हुआ है, लेकिन डेपसांग और डेपचोक में अभी भी तनाव बना हुआ है।सेना प्रमुख के अनुसार, भारत को हर स्थिति के लिए रणनीतिक रूप से तैयार रहना होगा।सेना लगातार 30% से अधिक सशस्त्र सुरक्षा बलों को वहां तैनात कर रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।”भारत हर हालात में युद्ध के लिए तैयार”जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि भारत को ढाई मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए –✔️ पाकिस्तान: सीमा पार आतंकवाद और सैन्य साजिशें।✔️ चीन: LAC पर रणनीतिक दबाव।✔️ आंतरिक चुनौतियां: कश्मीर और पूर्वोत्तर में उग्रवाद।उन्होंने कहा,”सेना का कर्तव्य है कि हम हर स्थिति के लिए तैयार रहें, चाहे वह शांति की स्थिति हो या युद्ध की।”AFSPA हटाने पर क्या बोले सेना प्रमुख?अर्धसैनिक बलों के लिए लागू AFSPA (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट) को लेकर भी सेना प्रमुख ने बड़ा बयान दिया।उन्होंने कहा कि AFSPA शांति बहाल होने के साथ ही हटाने की प्रक्रिया में लाया जाएगा, लेकिन इसके लिए स्थानीय पुलिस को अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है।अग्निवीर योजना सफल, भर्ती प्रक्रिया तेजसेना प्रमुख ने अग्निवीर योजना को लेकर कहा कि यह सफल रही है और युवाओं को बेहतर मौके मिल रहे हैं।2026 तक सेना में 21 से 23 वर्ष के जवानों की संख्या 50% तक होगी, जिससे सेना को जवान और चुस्त-दुरुस्त बल मिलेगा।निष्कर्षभारतीय सेना प्रमुख के ये बयान साफ दर्शाते हैं कि भारत को आने वाले समय में चीन, पाकिस्तान और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों पर सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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