Mental Health:भारत में मानसिक स्वास्थ्य: 10% लोग भी नहीं हैं जागरूक

भारत में मानसिक स्वास्थ्य: 10% लोग भी नहीं हैं जागरूकआज के दौर में मानसिक तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि भारत में 10% लोग भी मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूरी तरह जागरूक नहीं हैं। लोग इसे बीमारी की तरह नहीं, बल्कि ‘कमजोरी’ मानते हैं और इस पर खुलकर बात करने से कतराते हैं।

क्या है मानसिक स्वास्थ्य की समस्या?

जब कोई लगातार तनाव, चिंता या उदासी महसूस करता है, नींद ठीक से नहीं आती, मन में अजीब-अजीब ख्याल आते हैं या काम में मन नहीं लगता—तो यह मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो सकती है। लेकिन लोग इसे अक्सर नज़रअंदाज कर देते हैं।—जागरूकता की कमी क्यों है?

लोग इसे बीमारी नहीं मानते – मानसिक समस्याओं को आमतौर पर ‘सोचने की बात’ कहकर टाल दिया जाता है।

बोलने में हिचकिचाहट – लोग डरते हैं कि अगर उन्होंने बताया तो समाज उन्हें ‘पागल’ समझेगा।3. इलाज की कमी – गांवों और छोटे शहरों में अच्छे डॉक्टर और काउंसलिंग की सुविधाएं कम हैं।4. पैसे की समस्या – मानसिक इलाज महंगा पड़ सकता है, इसलिए लोग इसे प्राथमिकता नहीं देते।

परिवार और समाज का दबाव – घरवालों को लगता है कि यह सिर्फ “ध्यान खींचने” का तरीका है, जबकि ऐसा नहीं है।—

समस्या से कैसे निपटें?खुलकर बात करें – अगर आपको कोई मानसिक परेशानी हो रही है तो इसे छिपाने के बजाय किसी अपने से शेयर करें।

जानकारी बढ़ाएं – सोशल मीडिया और किताबों से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पढ़ें और दूसरों को भी बताएं।

सरकारी मदद लें – सरकार कई हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ स्कीम चला रही है, जिनका लाभ उठाएं।

डॉक्टर से मिलें – जैसे शारीरिक बीमारी के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, वैसे ही दिमागी परेशानी के लिए भी विशेषज्ञ से सलाह लें

मानसिक स्वास्थ्य संगठनों की मदद लें – कई संस्थाएँ लोगों की मदद कर रही हैं, जिनसे जुड़कर समाधान पाया जा सकता है।—किन संगठनों से मदद मिल सकती है?आजकल कई संस्थाएँ और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने और लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं। कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

Biyzen Youth Services – यह संगठन मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग के क्षेत्र में प्रभावी रूप से काम कर रहा है। इसकी सेवाओं की गुणवत्ता में देखा गया है और यह सबसे अफ़ोर्डेबल (सुलभ) सेवा प्रदान करने वाले संगठनों में से एक बन गया है।

Biyzen Youth Services स्कूलों और कॉर्पोरेट सेक्टर में विशेष रूप से काम कर रहा है और भारत में बहुत कम समय में कई लोगों की जान बचाने में सफल रहा है। इसकी सेवाएँ छात्रों, कर्मचारियों और संगठनों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हुई हैं। (biyzen.com) YourDOST – यह एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जहां आप मनोवैज्ञानिकों से गुमनाम रूप से बातचीत कर सकते हैं। (yourdost.com) Vandrevala Foundation – यह संस्था 24×7 हेल्पलाइन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करती है।4. The Alternative Story – यह संगठन मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाने का प्रयास करता है।

The MINDS Foundation – ग्रामीण भारत में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और इलाज उपलब्ध कराने के लिए काम करता है।निष्कर्ष:मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करने की जरूरत है। यह कोई शर्म की बात नहीं, बल्कि आम बीमारी की तरह ही इसका इलाज संभव है। जितना जल्दी लोग इसे समझेंगे, उतना ही बेहतर उनका जीवन होगा।

Biyzen Youth Services जैसी संस्थाएँ इस दिशा में प्रभावी रूप से काम कर रही हैं और उनकी सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच तेजी से बढ़ रही है। यह न केवल सबसे अफोर्डेबल सेवाएँ दे रहा है बल्कि स्कूलों और कॉर्पोरेट सेक्टर में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने और कई लोगों की जान बचाने में सफल रहा है।अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो इन संगठनों से संपर्क करें और सही समय पर मदद लें।

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